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कोरिया नीरज साहू
कोरिया_जिला विधिक सेवा प्राधिकरण तथा महिला एवं बाल विकास विभाग के संयुक्त तत्वाधान में किशोर न्याय (बालको की देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम 2015 विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन जिला एवं सत्र न्यायाधीन श्री आनंद कुमार घु्रव की अध्यक्षता में जिला पंचायत आडिटोरियम में आयोजित किया गया। कार्यक्रम का प्रारंभ जिला एवं सत्र न्यायाधीन के मुख्य अतिथ्य में दीप प्रज्जवलित कर किया गया। कार्यक्रम के प्रारंभ में उद्घाटन उद्धबोधन जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग श्री रमेश कुमार साहू द्वारा किशोर न्याय अधिनियम के कार्यक्रम की रूपरेखा बताई गई।
जिला एवं सत्र् न्यायाधीश द्वारा किशोर न्याय (बालको की देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम को जमीन स्तर पर लाने हेतु सभी स्टेक होल्डर की महत्वी भूमिका के विषय में जानकारी दी गई, साथ ही किशोर न्याय (बालको की देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम को अनुसरण कर कार्यवाही किये जाने के लिए प्रेरित किया गया। जिला बाल संरक्षण अधिकारी श्री आशीष कुमार गुप्ता द्वारा किशोर न्याय (बालको की देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम 2015 के प्रावधानों, नियमों, उपयोगिता व महत्व के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। किशोर न्याय बोर्ड के प्रधान मजिस्टेªट श्रीमती अर्चना भास्कर द्वारा किशोर न्याय (बालको की देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम के समस्त कार्यवाहियों पर विस्तृत से चर्चा की गई। बाल कल्याण समिति के सदस्य श्रीमती संध्या रामावत द्वारा लैगिक अपराधों से बालकों की देखरेख एवं संरक्षण अधिनियम, इससे पड़ने वाले प्रभाव, बच्चों को इससे बचने के लिये सुझाव के संबंध में जानकारी दी गई। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वारा कार्यशाल में अपने वक्तव्य में बताया गया कि बच्चे कच्चे मिट्टी के तरह होते है उन्हे जैसा चाहे ढाला जा सकता है, समय पर बच्चों का संरक्षण दिया जाना आवश्यक है तथा समस्त स्टेक होल्डर्स को बाल अधिकार से जोड़ने पर जोर दिया गया। मुख्य न्यायीक मजिस्टेªट श्री मोहन सिंह कोराम द्वारा बताया गया कि सभी जुनाईल बच्चों को विधिक सहायता दिये जाने लिये प्रेरित किया जाना चाहिये। जिला बाल संरक्षण अधिकारी श्री आशीष कुमार गुप्ता द्वारा उपस्थित सभी का आभार प्रदर्शन कर कार्यशाला का समापन किया गया।
इस आयोजित कार्यशाला बाल कल्याण समिति के सदस्य, किशोर न्याय बोर्ड के सदस्य, पुलिस विभाग से बाल कल्याण अधिकारी, शिक्षा विभाग, समाज कल्याण विभाग, स्वास्थ्य विभाग, श्रम विभाग, तथा अधीक्षक बाल गृह बालक, महिला एवं बाल विकास विभाग के अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी, चाईल्डन लाईन के प्रतिनिधि, स्वयं सेवी संस्था के प्रतिनिधि शामिल हुये।

Author: neeraj kumar sahu
जिला प्रतिनिधि कोरिया