ग्रामीण बैंक के खाता धारक ने ग्रामीण बैक मैनेजर के विरूद्ध उच्च अधिकारियों को पत्र लिखकर शिकायत करते हुए कहा है की बैंक मैनेजर द्वारा हिटलटर शाही की तरह ख़ाता धारियों से अभद्रता व्यवहार किया जाता है तथा कमीशन की मांग खुले आम मांग किया जाता है जिससे नाराज ख़ाता धारी ने अपनी आप बीती बैंक के उच्च अधिकारियों को पत्र के माध्यम से जांच कर कार्यवाही की मांग किया है,,उन्होंने स्पष्ट प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए उनके साथ किया गया दुर्व्यव्हार होने पर आपत्ति करते हुए कहा की
मैं संजय कुमार गुप्ता उर्फ बबलू निवासी ग्राम पंचायत कोट पोस्ट पटना ब्लाक मुख्यालय रामानुजनगर जिला सूरजपुर का निवासी हूँ और भारत देश का स्वतंत्र नागरिक हूँ।
छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक के शाखा रामानुजनगर में मैं अपने आकाउंट से 1 लाख रु0 कृषि कार्य एवं अन्य आवश्यकता के लियेआहरण करने ब्रांच में आया था
। मुझे रु देने से मना किया गया बोले मंगल वार को रु रहेगा तो मिलेगा
।शाखा प्रबंधक श्री अनिल गुप्ता जी द्वारा जबरजस्ती मेरे सहमति के बेगैर SBI Life की पॉलिसी लेने का दबाव बनाया जा रहा था ।
मैं उनको बोला कि अभी मेरी हैसियत नही है कि मैं 3 लाख रु0 का पॉलिसी लूँ ।
मैं लगभग 26 बर्षो से छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक शाखा रामानुजनगर से जुड़ा हूँ।
लेकिन ऐसा हिटलर शाही और दुर्व्यवहार करने वाला ब्रांच मैनेजर नहीं देखा ।
मुझे इस तरह कई बार पॉलिसी लेने का दबाव शाखा में जाने पर बनाया जाता रहा है ।
जिसका शिकायत मैं बैंक के जिला ,संभाग और राज्य स्तरीय सम्मानीय उच्च अधिकारियों को दूंगा ।
किसी भी उपभोक्ता को जबरजस्ती नही किया जा सकता पालिसी के लिए….जनपद से भी अब लगभग खाते ग्रामीण बैंक से हटाने का समय आ गया है…क्योंकि हमेशा का।नाटक रहता।है ग्रामीण बैंक का इनके पास कैश अवेलेबल नही रहता।है,जिससे मजदूरी भुगतान तक नही हों पाए उस बैंक में।सरकारी एकाउंट रखने से क्या फायदा…
आज की स्थिति ये है की किसी निर्माण कार्य का यदि 5.00 लाख एक दिन में निकालना हो तो,3 डेट दिए जाते है,की।3 दिन।में।निकल पायेगा
दिक्कत तो है…इन्ही सब परेशानियों को देखकर सरकारी डिपार्टमेंट लगभग अर्ध शासकीय बैंको की तरफ अग्रसर होने का संकेत दिया है l
