अनिल साहू
रामानुजनगर । लोक निर्माण विभाग सूरजपुर द्वारा केतका- सलका- राजापुर-परशुरामपुर- रामानुजनगर- माजा- कुंड़ेली मार्ग, लंबाई 26.26 कि.मी. लागत राशि – 5644.32 लाख कार्य में ठेकेदार तथा संबंधित तकनीकी अमला के मिली भगत से अत्यंत घटिया स्तर का निर्माण कार्य किया जा रहा है , जिस व्यापक अनियमितता एवं भ्रष्टाचार के कारण जहां शासन के करोड़ों रुपए को हड़पा जा रहा है वहीं सड़क के गुणवत्ता विहीन निर्माण से क्षेत्र की जनता में व्यापक रोष उत्पन्न हो रहा है , जिससे उग्र जनआंदोलन की स्थिति निर्मित हो रही है !
ज्ञात हो कि पूर्व विधायक खेलसाय सिंह के कार्यकाल में उक्त सड़क निर्माण की स्वीकृति प्राप्त हुआ था और निर्माण कार्य प्रारंभ किया गया था परंतु ठेकेदार एवं संबंधित तकनीकी अधिकारियों के मिलीभगत से गुणवत्ता विहीन कार्य किया जा रहा है । रामानुजनगर से मांजा मोड़ तक किए गए सड़क निर्माण कार्य में बेस पर मिट्टी पटाई में वाटरिंग एंड कम्पेक्शन ही नहीं किया गया है साथ ही जी एस बी सहित डब्बलु.एम.एम. कार्य भी मानक के विपरीत किया गया है ।
डब्बलू.एम. एम.में 75 mm के दो पृथक- पृथक लेयर बिछाकर वाटरिंग एंड कंम्पेंशन किया जाना था परंतु जी.एस.बी. बिछाकर हल्का रोलिंग कर डब्लू. एम. एम. का अनुपात विहीन ड्राई मटेरियल एक ही लेयर में जे. सी. बी. एवं ग्रेडर से बिछाकर टैंकर से पानी डालकर रोलिंग किया गया है , जबकि डब्बलु. एम. एम. मटेरियल निर्धारित अनुपात में मिक्सिंग प्लांट से मिक्स गीला मटेरियल पेवर मशीन के माध्यम से 75 मिमि के दो लेयर में बिछाकर दोनों लेयर का पृथक -पृथक पावर रोलर से रोलिंग एवं कॉम्पेक्शन होना चाहिए था जिसका घोर उल्लंघन कर भ्रष्टाचार किया गया है । बी. टी. कार्य भी प्राकलन अनुरूप सेंसर पेवर मशीन से नहीं किया गया है तथा रोलिंग एवं कॉम्पेक्शन भी अत्यंत कम किया गया है , जिससे बी. टी. सड़क निर्माण में निर्धारित गुणवत्ता का अभाव है तथा सड़क में जर्क / इंडोलेशन अत्यधिक है ।
उक्त सड़क निर्माण कार्य में वाटर क्रॉसिंग / पुलिया एवं रिटर्निंग वॉल निर्माण में भी प्राक्कलन अनुरूप सीमेंट कांक्रीट एवं सरिया का उपयोग नहीं किया गया है साथ ही पानी तराई कार्य तो कराया ही नहीं गया है , जिससे उपरोक्त कार्य भी पूर्णत़ गुणवत्ता विहीन है ।
रामानुजनगर ग्राम के अंदर सड़क निर्माण कार्य में तो भ्रष्टाचार का आलम यह है कि, नाली निर्माण हेतु खुदाई कर बेस को बिना कंम्पैट किए बिना बालू मुरूम बिछाकर कंपैक्ट किए बिना ही अनुपात विहीन सीमेंट कांक्रीट से बेस ढलाई कर नाली निर्माण किया जा रहा है, जिसमें स्टील रॉड का भी प्राक्कलन अनुरूप उपयोग नहीं किया जा रहा है । आर. सी. सी. रोड निर्माण से पहले बेस निर्माण में किया जा रहे सामग्री का उपयोग भी पूर्णतः अमानक स्तर का है । पुराने सड़क के दोनों और खनन कर जी.एस.बी. एवं डब्लू. एम. एम. करने के पश्चात पूरे सड़क की चौड़ाई में डब्लू. एम. एम. मटेरियल मिक्सर प्लांट से गीला मटेरियल लाकर सेंसर पेवर मशीन से न बिछाकर पहले जैसे ही ड्राई जी.एस. बी. मटेरियल का ही उपयोग डब्ल्यू. एम. एम. के स्थान पर करते हुईं ड्राई रोलिंग किया जाकर व्यापक गड़बड़ी किया जा रहा है।
आर. सी. सी. रोड निर्माण में भी सरिया को निर्धारित मापदंड अनुरूप नहीं लगाया जा रहा है तथा सी. सी. निर्माण में उपयोग किया जा रहा है , सीमेंट काँक्रिट् मिक्सिंग सेंसर पेवर मशीन अत्यंत कंडम स्थिति में है जिससे सीसी रोड के सतह का लेवल अत्यंत उबड़-खाबड़ / इंडोलेशन है । सीमेंट कंक्रीट भी निर्धारित अनुपात में नहीं है तथा पानी क्यूरिंग भी अत्यंत कम किया जा रहा है ।
इस कार्य में ठेकेदार के ही कर्मचारी मनमाने ढंग से कार्य कर रहे हैं , पीडब्ल्यूडी विभाग के उपयंत्री जिसे कार्य स्थल पर अपने निगरानी में खड़ा होकर कार्य कराना होता है , कहीं कार्य स्थल पर दिखता ही नहीं है । यदाकदा एस. डी.ओ. (पी.डब्ल्यू.डी.) ठेकेदार के साथ कभी-कभी दिख जाते हैं , जिनसे भी गुणवत्ता सुधार करने की बात करने पर बगले झांकते नजर आते हैं ।
*उच्च अधिकारियों से शिकायत किए जाने पर कार्य में कोई सुधार न होकर ठेकेदार अथवा उनके आदमी शिकायतकर्ता के पास सेटिंग करने पहुंच जाते हैं । पक्ष/विपक्ष के नेताओं का मौनव्रत जो कि समझ से परे है !*
इस प्रकार उक्त अत्यंत महत्वपूर्ण सड़क निर्माण , उसकी गुणवत्ता एवं उसकी टिकाऊपना का भगवान ही मालिक है ।
Author: anil sahu
जिला प्रतिनिधि सूरजपुर