हम मर्यादित और अनुशासित रहेगें तो हमारा जीवन सुखमय रहेगा बड़सरा में 9 दिवसीय श्रीराम कथा 

अनिल साहू

सूरजपुर । जनपद पंचायत भैयाथान के ग्राम पंचायत बड़सरा में चल रहे 9 दिवसीय श्रीराम कथा के 8 वें दिन कथा व्यास पं. रविन्द्र प्रसाद दुबे जी के द्वारा राम चरित मानस में उल्लेखित लंका दहन, कुंभकर्ण वध, मेघनाथ वध, और रावण वध को विस्तृत रूप से बताया गया। राम कथा में भटगांव विधायक व मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े के प्रतिनिधि के रूप में ठाकुर प्रसाद राजवाड़े शामिल होकर व्यास पीठ से आशीर्वाद लिया।

व्यास पीठ पर विराजे श्री दुबे जी ने बताया कि श्रीराम चंद्र जी माता सीता के हरण के बाद वनवासी रूप में ही अपने धर्म पत्नी के रक्षा के लिए पराक्रमी असुर योद्धाओं से लड़ गए। कथा में बताया गया कि माता सीता को खोजने हेतु वन जीव वानर, भालू, पक्षी, गिलहरी इत्यादि की टीम बनाकर उन्होंने असुर योद्धाओं को वध किया । यदि हमारे साथ सच्चे और कर्त्तव्य निष्ठ लोगों की टीम है, हम संगठित हैं तो किसी भी समस्या को पराजय किया जा सकता है। रामचरित मानस हमें यह सिखाता है कि हम मर्यादित और अनुशासित रहे तो हमारा जीवन सुखमय हो जाएगा। प्रभु श्रीराम जी के प्रताप से असुर भी तर गए तो हम मनुष्य हैं यदि सत्कर्म और सदमार्ग के राह पर चलते हुए प्रभु की भक्ति करें तो इस कलयुग रूपी काल से मुक्त हो सकते हैं।

कथा महोत्सव मे क्षेत्र के आसपास के लोगों की उपस्थिति भारी संख्या में थी।कथा विश्राम के बाद संध्या आरती तथा कथा श्रोता व आगंतुकों के लिऐ प्रसाद व महा प्रसाद की भी व्यवस्था धर्म प्रमियों के सहयोग से समिति द्वारा की गई थी ।

*सक्सेस स्टोरी मां बाप व संस्कार है सोशल अकाउंट नहीं*

राम कथा में पधारे मंत्री प्रतिनिधि ठाकुर प्रसाद राजवाड़े ने कहा कि राममय माहौल देश में लाने का श्रेय आप जैसे श्रद्धालु व देश के साधु, संत, महात्माओं को जाता है। जो हिंदू संस्कृति, सनातन को आगे ले जाने व उसकी रक्षा में सदैव लगे हुए हैं। हिंदू आस्था को चोट पहुंचाने में आक्रांताओं ने कोई कोर कसर नहीं छोड़ी परंतु सनातन व हिंदू संस्कृति ही है जो आज तक विद्यमान है। ऐसे संस्कृति को भारत माता माना जाता है आज हिंदू संस्कृति, संस्कार को अनेक देश अनुसरण कर रहे हैं। हिंदू होने व भारत देश में पैदा होने का मुझे गर्व है। आज विश्व पटल पर भारत का ग्राफ बढ़ रहा है। नव युवक हमारे संस्कृति सनातन को भूल रहे हैं उनसे आग्रह है कि जिम्मेदार नागरिक बनना है आधुनिकता को अपनाना है लेकिन संस्कृति,संस्कार को कभी नहीं भूलना है। भारतीय संस्कृति को आत्मसात कर अपनी क्षमता और कौशल का उपयोग भारत निर्माण में लगाना है यही समय है,सही समय है। कथा में मौजूद माताओं से कहा की बच्चों को अच्छा बनाने,संस्कार,संस्कृति व सनातन से परिचय कराने में

माता का रोल अधिक है। उनके कंधों में बड़ी जिम्मेदारी है इसलिए किशोरावस्था में ही बच्चों को रामायण गीता पाठ व सकारात्मक चीजों को जीवन में भरने का प्रयास करें। सक्सेस स्टोरी मां बाप व संस्कार है। सोशल अकाउंट नहीं, इसलिए बच्चों को मोबाइल से दूर रखें।

*दीपदान से जगमगाया मंदिर परिसर*

श्रीराम कथा महोत्सव के आठवें दिन कथा परायण के बाद माँ गायत्री की पूजा गायत्री परिवार के द्वारा किया गया। राम मंदिर के व्यवस्थापक रामविलास जायसवाल ने पहला दीपदान किया। उसके बाद मंत्री प्रतिनिधि ठाकुर प्रसाद राजवाड़े ने जय श्रीराम प्रदर्शित दीप समूह को प्रज्वलित किया।उसके बाद सभी श्रद्धालुओ ने दीपदान किया। पूरा मंदिर परिसर दीपक की रोशनी से जगमगा उठा और जय श्रीराम के नारे से मंदिर परिसर गूंज उठा।

anil sahu
Author: anil sahu

जिला प्रतिनिधि सूरजपुर

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