तहसीलदार ने शासकीय आदेश का अवहेलना किया

सूरजपुर जिले मे राजस्व विभाग के अधिकारियों के प्रसासनिक स्थातरण के बाद भी आदेश का अवहेलना करने का मामला चर्चा का बिषय बना हुआ हैँ,

विदित हो की सूरजपुर जिले के लगभग आधा  दर्जन तहसीलदारों का स्थातरण प्राससनिक रूप से किया गया था

जिन्हे आदेश मे यह स्पष्ट था की जिन जिन स्थानों मे स्थातरण हुआ है वे नियत तिथि तक शीघ्र वर्तमान नवीन पदस्थापना मे पदभार ग्रहण करेंगे किन्तु 24 फ़रवरी को आदेशित किया गया था लेकिन रामानुजनगर के तहसीलदार द्वारा दो महीना  बीत गए किन्तु नवीन पदस्थपना स्थल मे पहुंच पाए, जिससे तरह तरह की चर्चा व्याप्त हैँ 

विदित हो की दो महीने का समय बीतने के बाद आदेश को खुलेआम चुनौती दिया गया परन्तु जिले और संभाग मे विराजमान अधिकारियों द्वारा इस मामले को संज्ञान मे नहीं लेने के कारण यहां पर पदस्थ तहसीलदार को किनका संरक्षण प्राप्त हैँ यह तों समझ से परे हैँ, लेकिन इस प्रकार का यह मामला कोई नया नहीं है अपितु औऱ भी ऐसे दर्जनों विभाग के अधिकारी कर्मचारी का स्था तरण बाद सफ़ेद पोश नेताओ के संरक्षण देने के कारण रुके हुए हैँ किन्तु जिम्मेदार अधिकारी ऐसे मामलो को दरकिनार करते हुए कार्यवाही करने कतराते देखे जा सकते हैँ, ज्ञात हो की रामानुजनगर श्रीनगर को राजनीतीगढ़ कहा जाता हैँ लेकिन यह शब्द सुनने मे बेहद रोमांचक और अच्छा लगता हैँ,

लेकिन यहां पर भाजपा, कांग्रेस दोनों ही दल के बड़े नेताओ का निवास होने के बाद भी यहां के तहसीलदार कार्यालय, जनपद, शिक्षा विभाग, पशुविभाग, स्वाथ्य विभाग, वन विभाग, महिला बाल विकास, थाना, बिजली विभागो मे खुलेआम कमीशन लिया जा रहा है

किन्तु या किसी भी दल के नेताओ का हस्तक्षेप बिलकुल नहीं है, यहां पर पदस्थ अधिकारियों के लिए आवासीय परिषर का भवन निर्मित हैँ लेकिनरामानुजनगर तहसीलदार के स्थातरण को दो माह बीत चुके किन्तु आज तक तहसीलदार द्वारा नवीनपद स्थापना स्थल नहीं पहुंच सके, जबकि जिले के दर्जन भर तहसीलदारों का प्रसासनिक स्थातरण किया गया था, परन्तु उच्च अधिकारियों के रहमोकरम व सफ़ेद पोश के संरक्षण के कारण ही आज तक अपने नवीन पद स्थापना स्थल नहीं गए, जिससे तरह तरह की चर्चा आम हो चूका हैँ ज्ञात हो की कुछ ही दिनों पूर्व तहसीदार के विरूद्ध सत्ता पक्ष के एक नेता ने जमकर विरोध करते हुए कलेक्टर से शिकायत कर उचित कार्यवाही की मांग किया था लेकिन शिकायत पर अब तक अमल नही किया गया जिससे तहसीलदार आअज तक रामानुजनगर मे ही जमे हुए हैँ, विदित हो की तहसीलदार कार्यालय मे विभिन्न छोटे छोटे कार्यों के लिए किसानों से मोटी राशि की वसूली किया जा रहा, यदि इस तरह का खुलेआम कमीशन खोरी पर अंकुश नहीं लगाया गया तों निश्चित ही इसका खामियाजा सत्ता पक्ष को भुगतना पड़ सकता है,

उल्लेखनीय हैँ की तहसीलदार कार्यालय मे स्टाम्प वेंडरो द्वारा डेढ़ गुना दो गुना राशि लेकर बेचा रहा रहा हैँ,भुइया के तहत नक्शा खसरा बी वन मे मनमानी राशि कृषको से लिया जा रहा हैँ कुल मिलाकर तहसीलदार के कार्यालय मे एक भृत लम्बे अरशे से बाबू का काम संभाल रहे हैँ,वहीं तहसीलदार के रीडर के कार्य करने की चर्चा भी काफी चल रहा हैँ,, गौरतलब हैँ की शिकायत के आधार पर स्थातरण आदेश जारी किया गया था किन्तु आदेश को खुआ चैलेन्ज करते हुए तहसीलदार अपने नवीनपद स्थल मे नहीं गए जिसकी चर्चा आज हर  के जुबान पर हैँ लेकिन मलाई दार जगह को छोड़ने तकलीफ होता दिखाई  दे रहा है ऐसे भ्र्ष्ट अधिकारियों कर्मचारियों के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही होनी चाहिए,

नहीं होती हैँ शासकीय कार्यालयों का निरीक्षण जिससे मनमानी तरीके से विभागों का संचालन किया जाता हैँ l

Aashiq khan
Author: Aashiq khan

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