सूरजपुर जिले के रामानुजनगर स्थित शासकीय भवन मे प्राइवेट स्कूल का संचालन बेखौफ होकर तीन वर्षो से चल रहा, है,
इससे यह स्पष्ट हो गया है कि प्राइवेट स्कूलों कि जांच कभी नहीं होती, है,
उल्लेखनीय हैं कि ऐसा एक मामला रामानुजनगर के ग्राम पंचायत मकरबँधा मे देखने को मिला जहाँ नव निर्मित आंगनवाड़ी भवन मे तीन वर्षो से प्राइवेट स्कूल खोल कर रक्खा गया है, ज़ब मिडिया कि टीम गई तो विद्यालय के संचालक प्रधान पाठक से बात किया तो उन्होंने कहा कि गांव के लोगों कि सहमति ओर सरपंच के आदेश के बाद शासकीय भवन मे स्कूल चलाया जा रहा हैं,,मनमानी तरीका से स्कूल खोलने के सवाल को एक सिरे से खारीज करते हुए कहा कि सरपंच औऱ ग्रामीणों के द्वारा शासकीय भवन उपलब्ध कराया गया है,,
चुकी ज़ब सरपंच से इस बात कि पुस्टि करने पहुँचे तो सरपंच प्रतिनिधि जवाहिर सिंह ने कहा कि हमसे ना पूछा है न हम अनुमति दिए है
,अगर लिखित मे क़ोई कागज़ हो तो दिखा दें,इस तरह कि जानकारी सरपंच ओर स्कूल के संचालक से मिला
,किन्तु ताज्जुब का बिषय है कि हर वर्ष शिक्षा विभाग द्वारा प्राइवेट सरकारी स्कूलों के लिए जांच टीम गठन होता है तो इस बात कि जानकारी बी ई ओ साहब को नहीं दिया गया है, यह गंभीर मशला है,यह तय है कि दाल मे काला है या दाल काला है,
वहीं शिक्षा अधिकारी पंडित भारद्वाज ने कहा कि इस बिषय कि जानकारी नहीं मिली थी,
कहा मै खुद जांच पर जाऊंगा, शासकीय भवन मे स्कूल लगाने कि सत्यता पर वैधानिक कार्यवाही किया जाएगा l
जिस आंगनवाड़ी मे स्कूल लगाया जा रहा है वहां पर पहली से आठवीं तक के नब्बे बच्चों को दो कमरों मे बैठ्या जाता है, यहां पर शौचालय नहीं, पानी पीने के लिए क़ोई हैंड पम्प नहीं, खेल मैदान नहीं, इस तरह कई अन्य प्रकार कि कमी के साथ विद्यालय का संचालन किया जा रहा है l