अनिल साहू
5 निजी स्कूल के संचालकों ने एसीबी से की थी मामले की शिकायत, डीईओ दफ्तर में मारा छापा, दो लाख अतिरिक्त मिला
सुरजपुर। एसीबी की टीम ने सूरजपुर के जिला शिक्षा अधिकारी राम ललित पटेल को निजी स्कूलों से एक 1 लाख रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। जिसे न्यायालय ने जेल भेज दिया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक आरटीई के तहत निजी स्कूलों को मिलने वाली प्रतिपूर्ति राशि में से 10 प्रतिशत की डिमांड डीईओ द्वारा संचालकों से की गई थी। इस पर 5 स्कूल के संचालकों ने मामले की शिकायत संभागीय एसीबी कार्यालय अंबिकापुर में की थी। शिकायत पर एसीबी की टीम ने योजना बनाकर शुक्रवार की शाम डीईओ के कार्यालय में दबिश दी। इस दौरान उन्होंने रिश्वत की रकम लेते ही उन्हें दबोच लिया। एसीबी ने डीईओ को जेल भेज दिया है। इस रिश्वत के खेल में कई अन्य अफसर की संलिप्त है। डीईओ कार्यालय के कई लिपिक इस मामले में संलिप्त है। जिन पर चुनाव के बाद कार्रवाई की कयास लगाई जा रही है।
शिक्षा विभाग में बगैर रिश्वत का नहीं होता है कोई कार्य, डीईओ डीएमसी, बीईओ के विरुद्ध कई शिकायत, जांच लंबित
गौरतलब है कि शिक्षा के अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत निजी स्कूल में दाखिला लिए बच्चों के एवज में संचालकों को शासन की ओर से प्रतिपूर्ति की राशि दी जाती है। इधर सूरजपुर डीईओ रामललित पटेल द्वारा उक्त प्रतिपूर्ति की राशि रिलीज करने के एवज में स्कूलों से 10 प्रतिशत राशि की डिमांड की गई थी। स्कूल संचालक उन्हें रुपए नहीं देना चाहते थे। ऐसे में 5 निजी स्कूल के संचालकों ने मामले की शिकायत एसीबी के संभागीय कार्यालय अंबिकापुर में की थी। स्कूल संचालकों ने बताया कि उनसे 2 लाख रुपए की डिमांड डीईओ द्वारा की गई है। 1 लाख 82 हजार में सौदा तय हुआ था। शिकायत की पुष्टि करने के बाद शुक्रवार की शाम एसीबी की टीम डीईओ को रंगे हाथों पकडने की योजना बनाई। योजना के अनुसार एसीबी केमिकल लगे 1 लाख रुपए सूरजपुर के रामरति पब्लिक स्कूल के संचालक ने ने के हाथों डीईओ को देने कार्यालय में भेजा। इस दौरान टीम आस-पास ही तैनात थी। जैसे ही डीईओ ने रिश्वत के 1 लाख रुपए लिए, टीम ने उन्हें दबोच लिया। एसीबी ने डीईओ के खिलाफ 7 पीसी एक्ट 1988 के प्रावधानों के तहत कार्रवाई कर रही है। एक लाख रुपए के साथ दबोचने के बाद एसीबी की 7 सदस्यीय टीम द्वारा डीईओ कार्यालय की भी जांच की गई। इस दौरान दफ्तर से 2 लाख रुपए और मिले, जिसे अन्य निजी स्कूल के संचालकों से डीईओ ने बतौर रिश्वत ली थी। एसीबी द्वारा डीईओ के निवास स्थल पर भी दबिश दी गई है। मामले की जांच चल रही है। घर पर नगद मिलने के अनुमान है।
RTE में प्रति वर्ष होता है करोड़ों रुपए का खेला
आरटीई की प्रतिपूर्ति राशि में से रिश्वत की डिमांड किए जाने की शिकायत सूरजपुर जिले के 5 निजी स्कूल के संचालकों द्वारा की गई थी।
इनमें रामरति पब्लिक स्कूल सूरजपुर, छत्तीसगढ़ पब्लिक स्कूल दतिमा, सरस्वती बाल मंदिर सोनपुर, प्रिया बाल मंदिर भटगांव व लक्ष्मी विद्या निकेतन नरोला शामिल हैं।
आपको बता दें कि सूरजपुर जिले के रामानुजनगर विकास खंड, भैयाथान विकासखंड, सुरजपुर विकासखंड में कई दशक से कागजों में निजी स्कूलों का संचालन किया जा रहा है। जिसमें आधे से ज्यादा स्कूल केवल कागजों में ही संचालन हो रहा है। जिन्हें प्रतिवर्ष लाखों करोड़ों रुपए का भुगतान किया जाता है। जिसका बड़ा हिस्सा स्कूल संचालन अपने पास रख कर डीईओ, डीएमसी को देते है। साथ ही डीईओ राम ललित पटेल के द्वारा अनुकम्पा नियुक्ति में मोटी रकम के रिश्वत की मांग की जा रही थी। साथ ही सीएम स्कूल जतन योजना में लाखों करोड़ों का फर्जी भुगतान किया गया है। स्कूल में कार्य दश प्रतिशत हुआ है और भुगतान सौ प्रतिशत का कर दिया गया है। कई मीडिया में ग्राउंड रिपोर्ट में स्कूलों की हालत दिखाई गई थी। और इसकी शिकायत सीएम कार्यालय से लेकर, डीपीआई, जेडी से कई दफा किया गया हैं। विभाग इन पर मेहरबानी बनाए हुए था।

Author: anil sahu
जिला प्रतिनिधि सूरजपुर