भाइयों की कलाई में होगी ‘रीपा’ से तैयार राखियां कोरिया की बहनें स्नेह के डोर बनाने में जुटी सांसद ज्योत्सना महंत ने इन बहनों को किया उत्साहवर्धन

CG आजतक न्यूज़

सुरजपुर अनिल साहू

कोरिया_कोरिया पर्यटन, ऐतिहासिक, सांस्कृतिक धरोहर से भरा-पूरा जिला है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने सरकार में आते ही ग्रामीणों, किसानों, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, महिलाओं, युवाओं एवं बच्चों की बेहतरी के अनेक योजनाएं शुरू की है। इसी कड़ी का परिणाम हैं कि बैकुण्ठपुर जनपद के ग्राम मझगवां में स्थापित महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रियल पार्क (रीपा) में कार्यरत महिलाएं इस बार भी राखी बनाने के कार्यों में जुटी हैं।
विदित हो कि ग्राम मझगवां स्थित रीपा में पेपर कप मेकिंग, बोरी बैग स्टिचिंग व प्रिंटिंग, मनहारी उत्पाद निर्माण, गोबर से प्राकृतिक पेंट यूनिट लगा हुआ है। इस यूनिट में करीब पांच महिला स्व-सहायता समूह की 50 से अधिक महिलाएं कार्यरत हैं। इस बार भी इन महिला स्व-सहायता समूह द्वारा बहुत ही सुन्दर व आकर्षक राखियां तैयार कर रही हैं, जिससे कोरिया वासी भाइयों के कलाई में इस वर्ष स्नेह की डोर, राखी बांधा जाएगा। महिला एवं बाल विकास विभाग, कोरिया के लिए भी एक हजार राखियां उपलब्ध कराई जाएगी। इन स्व-सहायता समूह की महिलाओं द्वारा इस बार करीब 8 हजार राखियां तैयार की जा रही हैं। स्व-सहायता समूह से तैयार राखियों को स्थानीय व्यापारियों द्वारा हाथों-हाथ खरीदी की जाती है और इस बिक्री से प्राप्त राशि को आपस में बांटती है।
राखी तैयार कर रही सविता राजवाड़े, साधना, पुष्पावती, अनुरोधा, मनीषा, धनेश्वरी, रेखा, अंजली, मीना, सावित्री व फूलेश्वरी बहुत ही  शिद्दत के साथ राखियां तैयार कर रही हैं। सविता राजवाड़े ने बताया कि कोरोना के कारण वर्ष 2021 में राखी तैयार नहीं की गई थी लेकिन विगत वर्ष से पुनः राखियां बनाई जा रही है। स्थानीय व्यापारियों द्वारा हमारे तैयार राखियां को बहुत पंसद की जाती है, इसी कारण हम लोग राखी बनाने के कार्य को विगत 15 दिन से शुरू कर चुके हैं। साथ ही मझगवां स्थित रीपा केन्द्र में मनिहारी समान भी तैयार की जा रही है, जो ग्रामीण महिलाओं को बहुत पंसद आ रही है।
रीपा ने रोजगार के साथ परिवार को आर्थिक सम्बल भी दिया है। मझगवां स्थित रीपा केन्द्र में गोबर से प्राकृतिक पेंट भी तैयार की जा रही है। श्रीमती सुमन राजवाड़े बताया कि विगत छह माह में गोबर से निर्मित 5300 लीटर पेंट तैयार किया जा चुका है और 4200 लीटर पेंट बिक चुका है। इस कार्य में 4 महिलाएं कार्यरत हैं, जिन्हें पेंट बनाने के लिए बकायदा प्रशिक्षित किया गया है। डिस्टेम्पर एवं प्लास्टिक पेंट तैयार कर रही सुमन राजवाड़े ने बताया कि डिस्टेम्पर की दर प्रति लीटर 141 रूपए हैं तो प्लास्टिक पेंट की कीमत 265 रूपए प्रति लीटर है। उल्लेखनीय है कि कोरबा लोकसभा सांसद श्रीमती ज्योत्सना चरणदास महंत एक दिवसीय दौरे पर मझगवां स्थित रीपा केन्द्र जाकर इन स्व-सहायता समूह की महिलाओं से मुलाकात कर उनका उत्सहावर्धन किया साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि शासन-प्रषासन से हर संभव मदद दिलाने का आष्वासन भी दिया। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा राज्य में ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर आधारित स्थानीय स्तर पर वहां के लोगों और समूहों के लिए रोजगार के साधन उपलब्ध कराते हुए महात्मा गांधी ग्रामीण आद्यौगिक पार्क (रीपा) संचालित की जा रही है।

neeraj kumar sahu
Author: neeraj kumar sahu

जिला प्रतिनिधि कोरिया

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