प्रथम बस्तामुक्त विद्यालय के संस्था प्रमुख सीमांचल त्रिपाठी द्वारा राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी भोपाल में किया शोध पत्र वाचन

अनिल साहू

सूरजपुर । भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद भारत सरकार, स्वराज संस्थान संचालनालय संस्कृति विभाग मध्यप्रदेश शासन एवं धरोहर पुरास्थल पुरावस्तु एवं सामाजिक संरक्षण संस्था भोपाल के संयुक्त तत्वाधान में दो दिवसीय राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी हिंदवी स्वराज- स्वबोध की ऐतिहासिक यात्रा का आयोजन रविंद्र भवन भोपाल में 9 एवं 10 जनवरी को किया गया। इस कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता इंदर सिंह परमार मान. मंत्री उच्च शिक्षा द्वारा तथा मुख्य वक्ता प्रोफेसर रघुवेंद्र तंवर ‘पद्मश्री’ रहे तो वहीं प्रथम तकनीकी सत्र की अध्यक्षता मनोज श्रीवास्तव पूर्व आईएएस अधिकारी मध्य प्रदेश शासन एवं मुख्य वक्ता प्रफुल्ल केतकर वरिष्ठ पत्रकार एवं सामाजिक कार्यकर्ता नई दिल्ली रहे। द्वितीय तकनीकी सत्र की अध्यक्षता डॉ. भरत शरण सिंह द्वारा की गई तो वहीं मुख्य वक्ता के रूप में प्रोफेसर केदारनाथ महादेव फाल्के नई दिल्ली रहे। इस दिवस की तृतीय तकनीकी सत्र की अध्यक्षता डॉ. दीप्ति श्रीवास्तव द्वारा की गई तो वहीं मुख्य वक्ता के रूप में डॉ. हिमांशु कुमार चतुर्वेदी रहे। क्षेत्र के प्रथम बस्तामुक्त विद्यालय के प्रधान पाठक सीमांचल त्रिपाठी द्वारा अपना शोध पत्र प्रथम दिवस के तृतीय तकनीकी सत्र में प्रस्तुत किया गया। आपने हिंदवी स्वराज के संस्थापक- छत्रपति शिवाजी महाराज पर अपना शोध पत्र प्रस्तुत किया और बताया कि किस तरह से छत्रपति शिवाजी महाराज द्वारा हिंदवी स्वराज की स्थापना की, देश और समाज को एकता में पिरोकर रखा। देश की अखंडता को बनाए रखने व देशभक्ति की भाव जागृत करने की दिशा में लगातार कार्य किया। बताते चलें कि आपके शोध पत्र का प्रकाशन शोध धरोहर नामक पुस्तक में किया गया है। इस पुस्तक में देश के विभिन्न राज्यों के शोधार्थियों से चयनित 27 शोधार्थीयों के मध्य आपका शोध पत्र छठवां स्थान बनाने में सफल रही। आपको मंचीय अतिथि प्रोफेसर केदारनाथ महादेव फाल्के, डॉ. पूजा सक्सेना, डॉ. चौलेश्वर चंदाकर व अन्य अतिथियों के हाथों स्मृति चिन्ह, पुस्तक की प्रति एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। विदित हो कि सीमांचल त्रिपाठी स्वयं के खर्च से और छुट्टी लेकर समय-समय पर विभिन्न स्थान पर जाकर शोध पत्र का वचन करते हैं, साथ ही अन्य शिक्षक साथियों को भी सतत अध्ययन-अध्यापन से जुड़ने, शोध पत्र तैयार करने एवं उसे प्रस्तुत करने हेतु प्रेरित करते हैं। आपकी इस उपलब्धि पर संकुल के शिक्षक परिवार द्वारा बधाई दी गई।

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Author: anil sahu

जिला प्रतिनिधि सूरजपुर

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