डिजिटल डेस्क, तिरुवनंतपुरम। केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान द्वारा केरल विधानसभा द्वारा राज्यपाल को राज्य के सभी विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति के पद से हटाने वाले विधेयक पर हस्ताक्षर न करने पर 14वीं और 15वीं लोकसभा के पूर्व महासचिव पी.डी.टी. आचार्य ने कहा कि विधेयक को राष्ट्रपति के पास भेजने की जरूरत नहीं है। आचार्य ने कहा कि यह विधेयक राज्य विश्वविद्यालयों से संबंधित है और इसके लिए राष्ट्रपति से सहमति की आवश्यकता नहीं है।
उन्होंने ने कहा, ऐसा कोई नियम नहीं है कि राज्यपाल को विश्वविद्यालयों का कुलाधिपति होना चाहिए और ऐसे राज्य हैं जहां ऐसा कोई नियम नहीं है। आचार्य का बयान खान द्वारा दिल्ली में मीडिया को दिए गए बयान के बाद आया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि वह उस मामले पर फैसला नहीं देंगे, जिसमें वह शामिल हैं।
इस बीच सूत्रों के मुताबिक सलाहकारों ने खान को सलाह दी है कि वह विधेयक को राष्ट्रपति के पास भेज सकते हैं। गौरतलब है कि गुरुवार को खान ने अपनी सहमति के लिए भेजे गए 16 विधेयकों पर हस्ताक्षर किए, लेकिन उस विधेयक पर हस्ताक्षर नहीं किया, जिसमें राज्यपाल को चांसलर के पद से हटाने की बात कही गई थी।
(आईएएनएस)
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Author: cgaajtaknews
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