जिला अस्पताल में  चलाया जा रहा है मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता सप्ताह

अनिल साहू
सूरजपुर । विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस हर वर्ष की भाँति इस वर्ष भी मनाया जा रहा है और इस बार का ध्येय वाक्य है ’’समय आ गया है की कार्यस्थलों पर मानसिक स्वास्थ्य को महत्व दिया जाए’’ एक वैश्विक रिपोर्ट के अनुसार प्रति वर्ष पूरे विश्व में कार्यस्थल पर कर्मियों के मानसिक स्वास्थ्य ठीक नहीं होने की वजह से एक ट्रीलियन यूएस डॉलर के उत्पादन का नुकसान होता है। प्रति वर्ष 12 बिलियन कार्य दिवस का नुकसान एवं कंपनियों के मुनाफे में 30 प्रतिशत नुकसान होता है।

कार्यस्थल पर मानसिक स्वास्थ्य का मतलब है कि तनाव को झेलने में सक्षम रहना, नया सीखने की क्षमता का बना रहना, अपने कार्य क्षमता से कार्यक्षेत्र की उन्नति मे योगदान दे पाना मिथ्या/धारणाओं को बदलना, मानसिक स्वास्थ्य के बारे में चर्चा को आम करना, मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े कलंक को मिटाना, जैसे मानसिक स्वास्थ्य का सही न होना कमजोरी की निशानी है। जिसका मानसिक स्वास्थ्य सही नही है वो बेकार कर्मचारी है। मानसिक रूप से बीमार व्यक्ति हिंसक, सनकी या सीरियल किलर हो सकता है। मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता कैसे दें। मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देना, जो ऐसी समस्या की ओर जाते हुए दिख रहे हैं उन्हे मदद करना एवं बीमार होने से रोकना। जो मानसिक बीमारी से ग्रसित हो चुके हैं उन्हे कार्यस्थल पर भेदभाव रहित माहौल देना ।
हाई रिस्क वालो की पहचान कैसे करें- जो बाहरी रूप से भी हमेशा तनाव में दिखते हैं, जिनकी जिंदगी में कोई बड़ी दुर्घटना हुई है, लंबे समय से किसी रोग से पीड़ित हैं, परिवार में भी कोई व्यक्ति मानसिक रोग से पीड़ित है, किसी प्रकार की विकलांगता है, परिवार में अनबन है एवं स्वास्थ्य कर्मी/पुलिस/सुरक्षा बल -जहाँ काम का तनाव ज्यादा है।
हमारे जिला अस्पताल सूरजपुर में ऐसे किसी भी समस्या के लिए उपचार एवं काउंसलिंग की सुविधा उपलब्ध है। विश्व प्रसिद्ध निम्हांस बेंगलुरु से प्रशिक्षित जिले के एक मात्र मनोचिकित्सा विशेषज्ञ डॉ अंकित शर्मा भी अपनी सेवाए दे रहे हैं। मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित समस्याओं के लिए टोल फ्री नं- 14416 टेली मानस पर संपर्क किया जा सकता है।*

सूरजपुर/09 अक्टूबर 2024/ विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस हर वर्ष की भाँति इस वर्ष भी मनाया जा रहा है और इस बार का ध्येय वाक्य है ’’समय आ गया है की कार्यस्थलों पर मानसिक स्वास्थ्य को महत्व दिया जाए’’ एक वैश्विक रिपोर्ट के अनुसार प्रति वर्ष पूरे विश्व में कार्यस्थल पर कर्मियों के मानसिक स्वास्थ्य ठीक नहीं होने की वजह से एक ट्रीलियन यूएस डॉलर के उत्पादन का नुकसान होता है। प्रति वर्ष 12 बिलियन कार्य दिवस का नुकसान एवं कंपनियों के मुनाफे में 30 प्रतिशत नुकसान होता है।
कार्यस्थल पर मानसिक स्वास्थ्य का मतलब है कि तनाव को झेलने में सक्षम रहना, नया सीखने की क्षमता का बना रहना, अपने कार्य क्षमता से कार्यक्षेत्र की उन्नति मे योगदान दे पाना मिथ्या/धारणाओं को बदलना, मानसिक स्वास्थ्य के बारे में चर्चा को आम करना, मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े कलंक को मिटाना, जैसे मानसिक स्वास्थ्य का सही न होना कमजोरी की निशानी है। जिसका मानसिक स्वास्थ्य सही नही है वो बेकार कर्मचारी है। मानसिक रूप से बीमार व्यक्ति हिंसक, सनकी या सीरियल किलर हो सकता है। मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता कैसे दें। मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देना, जो ऐसी समस्या की ओर जाते हुए दिख रहे हैं उन्हे मदद करना एवं बीमार होने से रोकना। जो मानसिक बीमारी से ग्रसित हो चुके हैं उन्हे कार्यस्थल पर भेदभाव रहित माहौल देना ।
हाई रिस्क वालो की पहचान कैसे करें- जो बाहरी रूप से भी हमेशा तनाव में दिखते हैं, जिनकी जिंदगी में कोई बड़ी दुर्घटना हुई है, लंबे समय से किसी रोग से पीड़ित हैं, परिवार में भी कोई व्यक्ति मानसिक रोग से पीड़ित है, किसी प्रकार की विकलांगता है, परिवार में अनबन है एवं स्वास्थ्य कर्मी/पुलिस/सुरक्षा बल -जहाँ काम का तनाव ज्यादा है।
हमारे जिला अस्पताल सूरजपुर में ऐसे किसी भी समस्या के लिए उपचार एवं काउंसलिंग की सुविधा उपलब्ध है। विश्व प्रसिद्ध निम्हांस बेंगलुरु से प्रशिक्षित जिले के एक मात्र मनोचिकित्सा विशेषज्ञ डॉ अंकित शर्मा भी अपनी सेवाए दे रहे हैं। मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित समस्याओं के लिए टोल फ्री नं- 14416 टेली मानस पर संपर्क किया जा सकता है।

anil sahu
Author: anil sahu

जिला प्रतिनिधि सूरजपुर

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