ग्राम शिवनारायणपुर के बुजुर्ग बल्लूराम और ढेंकीडोली के मोहन ने क्लिनिक से मिली सुविधा का साझा किया अनुभव
अम्बिकापुर ब्यूरो
विकासखण्ड अम्बिकापुर के ग्राम शिवनारायणपुर के 56 वर्षीय बुजुर्ग बल्लूराम को कुछ दिनों से सर्दी-खांसी की समस्या थी, जिसके बाद उन्हें बुखार भी आने लगा।
ऐसे में बल्लूराम इलाज के लिए गांव में ही साप्ताहिक हाट-बाजार पहुंचे जहां तुरंत निःशुल्क उपचार और दवाइयां उन्हें मिली।
वे बताते है कि जबसे हाट बाजारों में हॉस्पिटल वाली गाड़ी आने लगी है, वे साधारण उपचार के लिए हाट-बाजार क्लीनिक ही आते हैं। उन्होंने बताया कि यहां डॉक्टरों के द्वारा उनका निःशुल्क परीक्षण किया गया तथा दवाइयों के लिए भी कोई शुल्क नहीं देना पड़ा और उनके स्वास्थ्य में भी सुधार आया है।
इसी प्रकार हाट-बाजार क्लीनिक में बीपी तथा शुगर की समस्या से पीड़ित महिला ने बताया कि वे यहां नियमित जांच के लिए आतीं हैं,
यहां उन्हें निःशुल्क दवाईयों के साथ आवश्यक परामर्श भी दिया जाता है।
उन्होंने इस जनकल्याणकारी योजना के लिए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल का धन्यवाद किया
इसी तरह ग्राम ढेंकीडोली के मोहन राम ने भी निःशुल्क स्वास्थ्य सुविधा मिलने का अनुभव साझा किया।
उल्लेखनीय है कि शासन की महत्वाकांक्षी मुख्यमंत्री हाट-बाज़ार क्लीनिक योजना के तहत दूरस्थ ग्रामीण अंचलों में लोगों को स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए दूर नहीं जाना पड़ रहा है,
स्थानीय हाट बाज़ारों में डेडिकेटेड वाहनों के द्वारा मिलने वाले निशुल्क स्वास्थ्य जांच, परामर्श तथा दवाईयों से लोगों को बेहतर स्वास्थ्य लाभ मिला है।
मरीजों को निःशुल्क दवा वितरण के साथ ही गंभीर मरीज को उचित इलाज के लिए उच्च संस्था रिफर भी किया जा रहा है।
गत अप्रैल माह से अब तक 81 हजार से अधिक को मिला निःशुल्क जांच एवं दवाईयों का लाभ- योजना के तहत वर्तमान में 46 साप्ताहिक हाट बाजारों में डेडिकेटेड वाहनों के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा हर विकासखण्ड के हॉट-बाजारों में लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करायी जा रहीं हैं
। 1 अप्रैल 2023 से अब तक कुल 81 हजार 599 मरीजों ने स्वास्थ्य परीक्षण करवाया तथा 76 हजार 166 मरीजों ने निःशुल्क दवा प्राप्त कर विभिन्न टेस्ट करवाए।
वहीं 95 जरूरतमंदों को इलाज हेतु जिला अस्पताल रेफर किया गया। इस समयावधि में 605 आयोजित साप्ताहिक हाट-बाजारों में एमएमयू वाहन पहुंचे,
प्रति हाट- बाजार लगभग 134 के औसत दर से मरीजों का इलाज हुआ।